विश्व ध्यान दिवस के मौके पर आयोजित 'वर्ल्ड मेडिटेशन विद गुरुदेव' कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर के नेतृत्व में दुनिया भर के 85 लाख से अधिक लोगों ने सामूहिक ध्यान किया। यह कार्यक्रम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आयोजित किया गया और इसने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाई, साथ ही सभी पुराने रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने दुनिया भर के लोगों को सामूहिक ध्यान के माध्यम से एकजुट किया।
180 से ज्यादा देशों से मिली भागीदारी
21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में 180 से अधिक देशों के लोग शामिल हुए। यह कार्यक्रम ध्यान की शक्ति को प्रदर्शित करने और दुनिया भर के लोगों को मानसिक शांति और सद्भाव के लिए एकजुट करने का एक महान प्रयास था। श्री श्री रविशंकर ने इस कार्यक्रम के उद्घाटन में संयुक्त राष्ट्र में भी हिस्सा लिया और फिर दुनिया भर में इस कार्यक्रम को फैलाया।
ये रिकॉर्ड टूटे
इस कार्यक्रम ने कई महत्वपूर्ण रिकॉर्ड्स बनाए, जिनमें प्रमुख हैं:
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स:
YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज्यादा दर्शक
एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स:
भारत के सभी राज्यों से एक दिवसीय ध्यान में सबसे ज्यादा भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में सबसे अधिक राष्ट्रीयताओं की भागीदारी
वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन:
YouTube पर 24 घंटे में ऑनलाइन ध्यान सत्र के लिए सबसे ज्यादा व्यू
YouTube पर ध्यान सत्र के लिए सबसे ज्यादा लाइव दर्शक
ऑनलाइन ध्यान सत्र में सबसे ज्यादा राष्ट्रीयताओं की भागीदारी
ध्यान का महत्व समझाया
श्री श्री रविशंकर ने ध्यान सत्र की शुरुआत में ध्यान के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि ध्यान एक आंतरिक यात्रा है, जो विचारों से परे जाकर हमें वास्तविकता को महसूस करने की क्षमता देती है। उन्होंने बताया, "ध्यान से आप अपने विचारों को शांत करते हैं, अपने आंतरिक स्थान की ओर बढ़ते हैं और इससे आप अधिक संवेदनशील और समझदार बन सकते हैं। यह निष्क्रियता नहीं है, बल्कि यह आपको अधिक गतिशील और शांत बनाता है।"
आर्ट ऑफ लिविंग की पहल की सराहना
आर्ट ऑफ लिविंग के इस कार्यक्रम की विश्वभर के नेताओं, मशहूर हस्तियों, खिलाड़ियों, और प्रोफेशनल्स ने सराहना की। इसमें किसान, नेत्रहीन बच्चों के लिए शिक्षण संस्थान, कॉरपोरेट्स, सेना, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, शोधकर्ता, वैज्ञानिक, गृहिणियां, और यहां तक कि जेलों से भी लोग शामिल हुए। यह कार्यक्रम सामूहिक ध्यान की वैश्विक अपील और प्रभाव को प्रदर्शित करता है। इस बड़े प्रयास के साथ आर्ट ऑफ लिविंग ने न केवल लाखों लोगों को ध्यान के लिए एकजुट किया है, बल्कि यह आंतरिक शांति और सार्वभौमिक सद्भाव के लिए एक वैश्विक आंदोलन को भी प्रेरित किया है।