भारत ने 2024 में (जनवरी से दिसंबर) 24.5 GW सौर ऊर्जा और 3.4 GW पवन ऊर्जा क्षमता जोड़ी, जो अब तक का सबसे उच्चतम सौर ऊर्जा रिकॉर्ड है। यह आंकड़ा 2023 की तुलना में सौर ऊर्जा में दो गुना और पवन ऊर्जा में 21% वृद्धि को दर्शाता है।
नवीकरणीय ऊर्जा का कुल आंकड़ा
इन नई क्षमताओं के साथ, दिसंबर 2024 तक भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा (RE) क्षमता 209.44 GW तक पहुंच गई। इसमें सौर ऊर्जा का योगदान 47% है, जिससे यह नवीकरणीय ऊर्जा के सभी स्रोतों में सबसे बड़ा योगदानकर्ता बन गया।
यूटिलिटी-स्केल सोलर
2024 में भारत ने 18.5 GW नई यूटिलिटी-स्केल सौर क्षमता जोड़ी, जो 2023 की तुलना में लगभग 2.8 गुना अधिक है।
शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य:
राजस्थान: 7.09 GW
गुजरात: 4.32 GW
तमिलनाडु: 1.73 GW
इन तीन राज्यों ने 2024 में कुल यूटिलिटी-स्केल सोलर इंस्टॉलेशन का 71% योगदान दिया।
Rooftop सोलर
2024 में भारत ने 4.59 GW नई रूफटॉप सोलर क्षमता स्थापित की, जो 2023 की तुलना में 53% अधिक है।
इस वृद्धि का श्रेय मुख्य रूप से 'पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना' को दिया जाता है, जो 2024 की शुरुआत में शुरू हुई थी। इस योजना के तहत 10 महीनों में 7 लाख रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन किए गए।
ऑफ-ग्रिड सोलर
ऑफ-ग्रिड सोलर सेगमेंट में 2024 में 1.48 GW की नई क्षमता जुड़ी, जो 2023 की तुलना में 197% अधिक है।
पवन ऊर्जा
2024 में पवन ऊर्जा में 3.4 GW की नई क्षमता जोड़ी गई, जो 2023 की तुलना में 21% अधिक है।
शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य:
गुजरात: 1,250 MW
कर्नाटक: 1,135 MW
तमिलनाडु: 980 MW
इन तीन राज्यों ने 2024 में जोड़ी गई कुल नई पवन ऊर्जा क्षमता का 98% योगदान दिया।
भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में यह उपलब्धि हरित ऊर्जा की ओर बढ़ते कदम और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।