एस ए एस नगर: पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया ने भारत को दुनिया की नंबर एक अर्थव्यवस्था बनाने में कड़ी मेहनत पर ज़ोर देते हुए राष्ट्र को ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने के लिए ठोस प्रयास करने का आह्वान किया। इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, मोहाली में एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम इन पब्लिक पॉलिसी (एएमपीपीपी), हेल्थकेयर (एएमपीएच), ऑपरेशंस एंड सप्लाई चेन (एएमपीओएस) और इंफ्रास्ट्रक्चर (एएमपीआई) स्ट्रीम में 180 सफल छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एशिया के प्रतिष्ठित और प्रमुख संस्थान से बिजनेस स्टडीज में स्नातक होने पर वे सभी गौरवान्वित हैं और अब उनकी बारी है कि वे अपने-अपने सेवा क्षेत्र में उच्च मानक स्थापित करें, चाहे वह सार्वजनिक हो या निजी क्षेत्र में हो।
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि अधिकांश डिग्री धारक महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जिसमें महिला या पुरुष का एकाधिकार नहीं है। यहां कोई भी व्यक्ति अपनी मेहनत के बल पर आगे बढ़ सकता है। उन्होंने शिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षकों के योगदान की तुलना किसी अन्य प्रतिभा से नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा कि सभी स्नातकों और प्रमुख संस्थान इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के सामने हमारे देश को ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने की बड़ी चुनौती है। अब यह हम पर निर्भर करता है कि यह सपना कैसे साकार होता है। उन्होंने इस बात पर नाखुशी व्यक्त की कि आजादी के 75 साल बीत जाने के बावजूद भी हमारे देश में रोजगार एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है।
राज्यपाल ने कहा कि हम चुनौतीपूर्ण नौकरियों की तुलना में सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन हमारे देश को दुनिया में अकेले खड़ा करने के लिए हमें अपनी क्षमताओं का इस्तेमाल करके इसे मजबूत बनाना हैं। उन्होंने कहा कि हमें वंचित लोगों के जीवन में रोशनी लानी चाहिए ताकि वे देश को दुनिया की नंबर एक अर्थव्यवस्था बनाने की संयुक्त यात्रा का हिस्सा बन सकें। इसके लिए हमें समाज में गरीब और अमीर के बीच व्याप्त अंतर को भरना होगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र ने हमें स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के माध्यम से शिक्षित करके बहुत कुछ दिया है और अब हमारी बारी है कि हम अपने देश को पांचवें स्थान से पहले स्थान पर लाकर दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बदलने के कठिन प्रयासों को आत्मसात करके राष्ट्र का ऋण चुकाएं। उन्होंने कहा कि हमें अपने देश को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए 2047 की निर्धारित समय सीमा का इंतजार नहीं करना चाहिए; हम अपनी मजबूत प्रतिबद्धता दिखाकर इसे पहले भी बना सकते हैं।
राज्यपाल ने स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 2001 में समर्पित पहले संस्थान आईएसबी की सराहना करते हुए कहा कि पंजाब को 2012 में मोहाली में देश के दूसरे संस्थान की स्थापना पर गर्व है। उन्होंने कहा कि आईएसबी की अंतरराष्ट्रीय ख्याति दुनिया भर में इसके उत्तीर्ण छात्रों द्वारा अध्ययन और पाठ्यक्रम में विशिष्टता के कारण भी ऊंची है।
आज डिग्री हासल करने वाले स्नातकों में प्रमुख रूप से आईएएस दंपत्ति राहुल भंडारी और राखी गुप्ता भंडारी के अलावा एसएएस नगर जिले की डिप्टी कमिश्नर श्रीमती आशिका जैन भी शामिल थीं। डिग्री वितरण समारोह के दौरान आईएसबी मोहाली परिसर के सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष राकेश भारती मित्तल, आईएसबी के डीन प्रोफेसर मदन पिल्लुतला और मोहाली परिसर के डिप्टी डीन एवं आईएसबी में वित्त (प्रैक्टिस) के एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर रामभद्रन थिरुमलाई भी उपस्थित थे।