ब्रिटेन ने अमरीका को बड़ा झटका देने की तैयारी कर ली है। साथ ही फ्रांस भी इसकी चपेट में आ रहा है। यह सब अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की बदौलत हुआ है। दरअसल, ब्रिटेन अमरीका और फ्रांस पर गोला-बारूद उत्पादन में निर्भरता को खत्म करने के प्रयासों के तहत अब हेक्सोजेन विस्फोटक के उत्पादन को काफी बढ़ाने की योजना बना रहा है, जिसका उपयोग नाटो 155-मिलीमीटर के गोले में किया जाता है।
टाइम्स अखबार ने एक ब्रिटिश रक्षा कंपनी के हवाले से बताया कि बड़ी ब्रिटिश रक्षा कंपनी बीएई प्रणाली जो देश में 155 मिलीमीटर के तोपखाने के गोले बनाने वाली एकमात्र कंपनी है। पहले अमरीका और फ्रांस से आरडीएक्स (हेक्सोजेन) का आयात करती थी, लेकिन अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के चलते ब्रिटिश और यूरोपीय रक्षा कंपनियां अमरीकी उपकरण खरीदने से इनकार कर रही हैं। कंपनी दुनिया की पहली नई तकनीक को अन्य देशों को बेचने की योजना बना रही है। साथ ही बीएई प्रणाली ने यह तय किया है कि वह गोला-बारूद के उत्पादन में अमेरिकी घटकों या सामग्रियों का इस्तेमाल नहीं करेगी, ताकि वे अमरीका की अंतरराष्ट्रीय शस्त्र व्यापार विनियमन (आईटीएआर) नियमों के अधीन न आएं। इससे कंपनी को ये गोला-बारूद बिना अमरीकी प्रतिबंधों के स्वतंत्र रूप से बेचने की अनुमति मिल जाएगी। रूस का मानना है कि यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति समझौते में बाधा डालती है, जिससे नाटो देश सीधे संघर्ष में शामिल हो जाते हैं।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का बयान
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि यूक्रेन के लिए हथियारों से भरा कोई भी माल रूस के लिए वैध लक्ष्य होगा। उनके अनुसार अमरीका और नाटो सीधे संघर्ष में शामिल हैं, जिसमें न केवल हथियारों की आपूर्ति करना, बल्कि ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और अन्य देशों में कर्मियों को प्रशिक्षण देना भी शामिल है।