चेन्नई: तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार उन पर एक कॉलेज कार्यक्रम के दौरान ‘जय श्री राम’ का नारा लगवाने का आरोप लगा है। इस घटना के बाद शिक्षा विशेषज्ञों के संगठन स्टेट प्लेटफॉर्म फॉर कॉमन स्कूल सिस्टम-तमिलनाडु (एसपीसीएसएस-टीएन) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राज्यपाल को उनके पद से हटाने की मांग की है। बता दें राज्यपाल आरएन रवि 12 अप्रैल को मदुरै में मौजूद एक सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किए गए थे। वहां एक साहित्यिक प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार देने के लिए राज्यपाल पहुंचे थे। अपने भाषण के दौरान उन्होंने छात्रों से तीन बार ‘जय श्री राम’ कहने को कहा। बस इसी बात को लेकर विवाद खड़ा हुआ है।
एसपीसीएसएस-टीएन का कहना है कि राज्यपाल ने इस प्रकार का नारा लगवाकर संविधान की धर्मनिरपेक्षता की भावना का उल्लंघन किया है। संगठन के महासचिव पीबी प्रिंस गजेंद्र बाबू ने कहा कि राज्यपाल का यह कृत्य भारतीय संविधान के अनुच्छेद 159 का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और शिक्षा भी एक धर्मनिरपेक्ष गतिविधि है। ऐसे में किसी विशेष धर्म के भगवान का नाम लेकर नारा लगवाना न सिर्फ गलत है, बल्कि यह राज्यपाल की संवैधानिक जिम्मेदारियों के खिलाफ भी है। संविधान के अनुसार, भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। हर नागरिक का कत्र्तव्य है कि वह संविधान का पालन करे, उसके आदर्शों और संस्थाओं का सम्मान करे, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे।