केंद्र सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY), ने हाल ही में 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को भी इस योजना में शामिल कर दिया है। इस बदलाव को लागू हुए अभी 10 दिन ही हुए हैं और इतने कम समय में इस योजना से 4 लाख से अधिक बुजुर्ग जुड़ चुके हैं। इस योजना के तहत बुजुर्गों को सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज प्राप्त होगा।
आयुष्मान भारत योजना का विस्तार
आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य देश के गरीब और जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। पहले यह योजना 0 से 69 वर्ष तक के आयु वर्ग के लोगों के लिए थी, लेकिन अब इसे 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के सभी बुजुर्ग नागरिकों के लिए भी खोल दिया गया है। इस पहल के तहत सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को सालाना 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का कवर प्रदान करने की घोषणा की है। योजना का लाभ उन बुजुर्गों को मिलेगा, जिनकी आय चाहे जैसी हो। इस बदलाव के साथ-साथ सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पहले से इस योजना से जुड़े परिवारों के वरिष्ठ नागरिकों को अब अतिरिक्त स्वास्थ्य कवर मिलेगा, जिसे वे अपने परिवार के अन्य सदस्यों से अलग इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि यदि किसी परिवार में पहले से आयुष्मान कार्ड था, तो अब उनके 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सदस्य को अतिरिक्त 5 लाख रुपये का कवर मिलेगा।
10 दिन में 4 लाख से ज्यादा बुजुर्गों का पंजीकरण
आयुष्मान भारत योजना के विस्तारित संस्करण के लागू होने के 10 दिन में ही 4,26,129 बुजुर्गों ने इस योजना से जुड़ने के लिए पंजीकरण कराया। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि इस योजना के प्रति बुजुर्गों में एक बड़ी जागरूकता और उत्साह है।
मध्य प्रदेश से सबसे अधिक पंजीकरण
इस योजना में सबसे अधिक पंजीकरण मध्य प्रदेश से हुए हैं। 11 नवंबर तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश से 1,22,527 बुजुर्गों ने आयुष्मान भारत योजना में पंजीकरण कराया है। इसके बाद केरल का नंबर आता है, जहां 1,17,577 बुजुर्गों ने पंजीकरण किया है। केरल में बुजुर्गों की संख्या भविष्य में और बढ़ने का अनुमान है। राज्य में 2031 तक 60 वर्ष और उससे अधिक आयु वाले लोगों की संख्या 20.9% तक पहुंच सकती है। ऐसे में यह योजना यहां और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। इसके बाद उत्तर प्रदेश, कर्नाटका और हरियाणा जैसे राज्यों में भी पंजीकरण की संख्या अधिक रही है। उत्तर प्रदेश से 78,651 बुजुर्गों ने पंजीकरण किया है, वहीं कर्नाटका से 21,722 और हरियाणा से 19,270 बुजुर्गों ने इस योजना का लाभ उठाया है।
दिल्ली और पश्चिम बंगाल के बुजुर्ग क्यों नहीं ले पा रहे हैं लाभ?
हालांकि, कुछ राज्य इस योजना के विस्तार से बाहर हैं। दिल्ली और पश्चिम बंगाल ने इस योजना से बाहर रहने का विकल्प चुना है। 29 अक्टूबर को जब प्रधानमंत्री ने इस योजना का विस्तार किया था, तो उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि इन दोनों राज्यों के बुजुर्ग इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेशक वी किरण गोपाल ने भी बताया कि दिल्ली और पश्चिम बंगाल राज्य अभी भी इस योजना से बाहर हैं। ओडिशा में नामांकन प्रक्रिया जारी है, जबकि महाराष्ट्र और झारखंड में आदर्श आचार संहिता के कारण पंजीकरण के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
आयुष्मान भारत योजना की विशेषताएं
आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत 2018 में हुई थी और यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना मानी जाती है। इस योजना के तहत हर परिवार को सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता है। अब इसके विस्तार के साथ, बुजुर्गों को भी इस योजना में शामिल किया गया है। इस योजना के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के नागरिकों को मुफ्त इलाज मिलेगा। इसके अलावा, जिन बुजुर्गों के पास पहले से आयुष्मान कार्ड है, उन्हें अब अपना EKYC (इलेक्ट्रॉनिक पहचान सत्यापन) फिर से पूरा करना होगा और नए कार्ड के लिए आवेदन करना होगा।
केंद्र सरकार का उद्देश्य और भविष्य की योजनाएं
केंद्र सरकार का मुख्य उद्देश्य इस योजना के तहत 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों और 4.5 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करना है। इस योजना के तहत सरकार बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का एक व्यापक नेटवर्क उपलब्ध करवा रही है, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा। साथ ही, सरकार इस बात को सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि बुजुर्गों को इलाज के समय किसी प्रकार की आर्थिक कठिनाई का सामना न करना पड़े। इस पहल से देशभर में लाखों बुजुर्गों को फायदा होगा, खासकर उन बुजुर्गों को, जो स्वास्थ्य सेवाओं के लिए महंगे खर्चों का सामना करते हैं।
आयुष्मान भारत योजना का विस्तार बुजुर्गों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। 70 साल और उससे अधिक आयु के नागरिकों को अब मुफ्त इलाज और स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा। महज 10 दिन के भीतर 4 लाख से अधिक बुजुर्गों का पंजीकरण इस योजना के प्रति बढ़ते विश्वास और सरकार की पहल की सफलता का प्रमाण है। हालांकि, कुछ राज्यों में योजना का लाभ अभी तक नहीं मिल पा रहा है, लेकिन अन्य राज्य इस योजना का फायदा उठा रहे हैं, और आने वाले समय में इसे और भी व्यापक रूप से लागू किए जाने की उम्मीद है।