अमेरिका में 5 नवंबर को 47वें राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए मतदान होगा। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता कमला हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला दिख रहा है। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव संबंधी हालिया सर्वेक्षण में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर है। हैरिस (60) डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं और 78 वर्षीय ट्रंप राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हैं। चुनाव जीतने के लिए किसी उम्मीदवार को निर्वाचक मंडल के 270 वोट की जरूरत होती है। हालिया सर्वेक्षणों से संकेत मिलता है कि चुनाव का फैसला सात राज्यों एरिजोना, नेवादा, विस्कॉन्सिन, मिशिगन, पेंसिल्वेनिया, उत्तरी कैरोलाइना और जॉर्जिया के नतीजों से होगा। इनमें से मिशिगन और पेंसिल्वेनिया 270 के आंकड़े तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
‘द न्यूयॉर्क टाइम्स' और ‘सिएना कॉलेज' के सर्वेक्षणों में पाया गया है कि हैरिस उत्तरी कैरोलाइना और जॉर्जिया में ताकत हासिल कर रही हैं, जबकि ट्रंप ने पेंसिल्वेनिया में उनकी बढ़त का सिलसिला थाम दिया है और एरिजोना में अपनी बढ़त बनाए रखी है। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स' के अनुसार, सर्वेक्षण बताते हैं कि हैरिस अब नेवादा, उत्तरी कैरोलाइना और विस्कॉन्सिन में मामूली बढ़त पर हैं, जबकि ट्रंप एरिजोना में आगे हैं। अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘सर्वेक्षणों से पता चलता है कि मिशिगन, जॉर्जिया और पेंसिल्वेनिया में दोनों नेताओं के बीच कांटे की टक्कर है।'' सभी प्रमुख राष्ट्रीय और चुनाव के लिहाज से अहम राज्यों में सर्वेक्षणों पर नजर रखने वाले ‘रियल क्लियर पॉलिटिक्स' ने कहा कि ट्रंप और हैरिस के बीच बराबरी की स्थिति है।
राष्ट्रीय सर्वेक्षण में ट्रंप 0.1 प्रतिशत अंक से आगे हैं, जबकि अहम राज्यों में पूर्व राष्ट्रपति को 0.9 प्रतिशत अंकों की बढ़त हासिल है। ‘द हिल' के अनुसार, ‘‘राष्ट्रपति पद की दौड़ में कड़ा मुकाबला दिख रहा है और किसी भी उम्मीदवार को स्पष्ट बढ़त मिलती नहीं दिख रही।'' अपने अंतिम सर्वेक्षण में ‘एनबीसी न्यूज' ने कहा कि सर्वेक्षण से पता चलता है कि हैरिस को आमने-सामने के मुकाबले में 49 प्रतिशत पंजीकृत मतदाताओं का समर्थन मिल रहा है, जबकि ट्रंप को भी इतने ही प्रतिशत यानी 49 प्रतिशत का समर्थन मिल रहा है। समाचार चैनल ने कहा, ‘‘सिर्फ दो प्रतिशत मतदाताओं का कहना है कि वे चुनाव को लेकर अनिश्चितता की स्थिति में हैं।''