नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। बीते एक हफ्ते में 472 नए डेंगू के मामले सामने आए हैं, जिससे शहर में इस साल अब तक कुल 4533 डेंगू के मामले हो चुके हैं। इस दौरान, डेंगू के कारण 3 मौतें भी हुई हैं। यह जानकारी दिल्ली नगर निगम (MCD) ने हाल ही में जारी की रिपोर्ट में दी है। दिल्ली में डेंगू के मामलों में इस साल काफी वृद्धि हुई है, जो चिंता का विषय बन गया है। पिछले साल के मुकाबले, इस साल डेंगू के मामलों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी देखी गई है।
जानिए डेंगू कैसे फैलता है?
डेंगू एक वायरल बुखार है, जो मुख्य रूप से एडीस एजिस (Aedes aegypti) और एडीस अल्बोपिक्टस (Aedes albopictus) नामक मच्छरों के द्वारा फैलता है। ये मच्छर डेंगू वायरस के वाहक होते हैं और जब यह मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटते हैं, तो वायरस उनके शरीर में चला जाता है। बाद में, जब ये मच्छर स्वस्थ व्यक्ति को काटते हैं, तो वायरस उसे भी संक्रमित कर देता है। आइए जानते हैं डेंगू के फैलने के कारणों और इसे फैलने से रोकने के उपायों के बारे में विस्तार से।
डेंगू के फैलने के प्रमुख कारण
1. मच्छरों का काटना : डेंगू का मुख्य कारण एडीस मच्छर है, जो संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद उसके शरीर में डेंगू वायरस को अपने शरीर में जमा कर लेता है। जब यह मच्छर फिर से किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो डेंगू वायरस उसे संक्रमित कर देता है।
ये मच्छर आमतौर पर दिन में सक्रिय होते हैं, खासकर सुबह और शाम के समय।
मच्छरों को मुख्य रूप से खुले पानी में अंडे देने की आदत होती है। यही कारण है कि इन मच्छरों की संख्या बारिश के मौसम में अधिक बढ़ जाती है, जब पानी इकट्ठा होता है।
2. खुले पानी का जमा होना : डेंगू मच्छर पानी के ठहरे हुए स्थानों में अंडे देते हैं। यदि घरों या आसपास के क्षेत्रों में पानी जमा हो, जैसे गमलों में पानी, बर्फ के डिब्बे, कूलर, पुराने टायर, बालटी, आदि में पानी जमा रहता है, तो यह डेंगू मच्छरों के लिए आदर्श स्थान बन जाता है।
मच्छर जितना अधिक पानी जमा होता है, उतनी अधिक संभावना होती है कि वहां मच्छर अंडे दे सकें और बाद में उन अंडों से संक्रमित मच्छर निकलें।
3. मानव-से-मच्छर संक्रमण : एक व्यक्ति, जो पहले से डेंगू से संक्रमित होता है, जब उसे मच्छर काटता है, तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश करता है। यह मच्छर फिर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है और उसे डेंगू से संक्रमित कर देता है।
डेंगू वायरस केवल मच्छरों के माध्यम से फैलता है, यानी यह सीधा व्यक्ति से व्यक्ति नहीं फैलता।
4. मच्छर का प्रजनन वातावरण : डेंगू मच्छर के प्रजनन के लिए सबसे अच्छा वातावरण वह होता है जहां पानी के जलाशय में प्रदूषण न हो और पानी साफ हो। जैसे कि पानी से भरे गमले, पानी की बाल्टियां, और पुराने टायर, जो बारिश के पानी से भरे होते हैं।
अगर इन स्थानों पर समय-समय पर पानी न बदलें या उन्हें साफ न करें, तो मच्छरों का प्रजनन होता है और डेंगू फैलने का खतरा बढ़ता है।
डेंगू के लक्षण
- तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- आंखों के पीछे तेज दर्द
- त्वचा पर लाल चकते (रैशेज)
- अत्यधिक थकान और कमजोरी
- नाक से खून बहना या मसूड़ों से खून आना
डेंगू के फैलाव को रोकने के उपाय
1. खुले पानी को इकट्ठा होने से रोकें
घरों के आस-पास पानी जमा न होने दें, जैसे गमलों में पानी का जमा होना, कूलर का पानी बदलना, बर्फ के डिब्बों को साफ रखना आदि।
पुराने टायर, कूड़े-करकट, या किसी अन्य जलाशय को साफ रखें, जहां पानी इकट्ठा हो सकता है।
2. मच्छरों से बचाव के उपाय
मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें, खासकर सोते समय।
घर के दरवाजों और खिड़कियों में मच्छरदानी या मच्छर नेट लगवाएं।
मच्छर भगाने वाली क्रीम या लोशन का इस्तेमाल करें, खासकर बच्चों और बाहर जाने वाले लोगों के लिए।
3. मच्छरनाशक का उपयोग
घर और आसपास के क्षेत्रों में मच्छर नाशक स्प्रे या कोइल का प्रयोग करें।
मच्छरों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए मच्छरनाशक का सही तरीके से इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है।
4. स्वास्थ्य संस्थानों से सलाह लें
यदि आपको डेंगू के लक्षण जैसे बुखार, सिरदर्द, आंखों में दर्द, थकान, और त्वचा पर दाने दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डेंगू के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है, खासकर यदि लक्षण गंभीर हो जाते हैं।
डेंगू एक गंभीर बीमारी है जो मुख्य रूप से मच्छरों के काटने से फैलती है। इसे फैलने से रोकने के लिए मच्छरों के प्रजनन स्थानों को खत्म करना, मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाना, और सफाई रखना जरूरी है। इस बीमारी से बचाव के लिए समुदाय को मिलकर काम करना होगा और डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने होंगे।