पश्चिम बंगाल की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। इस बार वजह है केंद्र सरकार द्वारा लाया गया वक्फ संशोधन अधिनियम, जिसका विरोध अब ममता सरकार के मंत्री भी खुलकर कर रहे हैं। राज्य के लाइब्रेरी मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी, जो जमीयत-ए-उलेमा हिंद की पश्चिम बंगाल यूनिट के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने कोलकाता को ठप करने की धमकी देकर सबका ध्यान खींचा है। कोलकाता के रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए, सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कहा "अगर हम चाहें तो 50 जगहों पर 10 हजार लोग बैठा सकते हैं। वे कुछ नहीं करेंगे, सिर्फ बैठेंगे और मुरमुरे, गुड़ और मिठाई खाएंगे। इससे कोलकाता खुद-ब-खुद ठप हो जाएगा।" उनका यह बयान अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
वक्फ संशोधन अधिनियम पर आपत्ति क्यों?
मुस्लिम संगठनों और तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि नया वक्फ संशोधन अधिनियम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों और अधिकारों में हस्तक्षेप करता है।
सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कहा कि यह कानून मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाता है और यह संविधान की भावना के खिलाफ है।
'सीएम ममता बनर्जी ने दिलाया भरोसा'
अपने भाषण में सिद्दीकुल्ला चौधरी ने बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का फोन आया था, जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया कि "यह कानून पश्चिम बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा।" मंत्री ने कहा कि वे पहले जिलों में छोटे-छोटे प्रदर्शन करेंगे और फिर कोलकाता में 50 जगहों पर बड़े पैमाने पर लोगों को इकट्ठा कर सड़कें जाम करेंगे। उनका दावा है कि "हम हिंसा नहीं करेंगे, लेकिन अहिंसक आंदोलन से सरकार को झुकने पर मजबूर कर देंगे।"
एक करोड़ हस्ताक्षर वाली चिट्ठी प्रधानमंत्री को
सिद्दीकुल्ला चौधरी ने यह भी कहा कि वे इस कानून के खिलाफ एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर के साथ एक चिट्ठी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजेंगे। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखते हुए आंदोलन को जारी रखने की अपील की। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस रैली का वीडियो X (पूर्व ट्विटर) पर शेयर करते हुए कहा कि "ममता सरकार के मंत्री खुद को कानून से ऊपर समझते हैं और खुलेआम शहर को बंधक बनाने की धमकी दे रहे हैं।"