वक्फ संशोधन कानून को लेकर दूसरे दिन आज यानि गुरुवार को सुप्रीम पोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस कानून पर पूर्ण रूप से रोक नहीं लगाई लेकिन 7 दिन के लिए यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दे दिया। इसके साथ ही केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया है।
सुनवाई के दौरान रोचक बात यह थी कि जब फैसला सुनाया जा रहा था तब वक्त याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल बीच में बोल पड़े फिर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने उन्हें टोक दिया और कहा कि बीच में मत बोलिए। इसके बाद सीजेआई संजीव खन्ना ने फैसला सुनाया और कहा कि 'वक्फ घोषित संपत्ति और रजिस्टर्ड संपत्ति को पहले की तरह बने रहने दिया जाए। इस दौरान फिर से कपिल सिब्बल बोल पड़े कि वक्फ बाय यूजर भी लिखिए सीजेआई ने उन्हें टोकते हुए कहा, 'मैं आदेश लिखवा रहा हूं। बीच में मत बोलिए,' उन्होंने यह भी कहा कि तब तक बोर्ड या काउंसिल में कोई नियुक्ति नहीं होगी.'
तुषार मेहता ने मांगा 7 दिन का समय
उधर, केंद्र सरकार की तरफ से हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी सुनवाई दौरान बीच में बोल पड़े। उन्होंने कोर्ट से कहा कि वह संसद से पारित एक्ट पर रोक लगाने जा रहा है। एक्ट के कुछ सेक्शन को देख कर रोक लगा देना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि लाखों लोगों से बात कर करके कानून बनाया गया है इसलिए सरकार लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। एसजी मेहता ने कोर्ट से जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है, जिस पर सीजेआई ने अनुमति दे दी। उन्होंने कहा कि अभी वह कानूनी नहीं कर रहे हैं। 1 सप्ताह में कुछ नहीं बदल जाएगा।