शिमला: डॉलर के मुकाबले रुपए की वैल्यू गिरने से हिमाचल में बाह्य वित्त पोषित परियोजनाओं का बजट हिलने लगा है। राज्य में कुल छह फंडिंग एजेंसियों के माध्यम से करीब 15000 करोड़ के 14 प्रोजेक्ट विभिन्न विभागों में चल रहे हैं। इनमें हिमाचल सरकार ने सिर्फ अपना हिस्सा दिया है। बाकी मेजोरिटी फंडिंग भारत सरकार से भी बाहरी एजेंसियों की है। वल्र्ड बैंक ने यह मामला राज्य सरकार के ध्यान में लाया। उसके बाद योजना विभाग ने अब सभी प्रशासनिक सचिवों और विभाग अध्यक्षों के लिए नए सिरे से गाइडलाइन और प्रोसीजर जारी किए हैं। इनमें कहा गया है कि रुपए की वैल्यू गिरने के कारण परियोजनाओं पर होने वाले असर को राज्य सरकार अपने पैसे से अब नहीं संभालेगी। राज्य सरकार ने सभी विभागों को इन परियोजनाओं की मॉनिटरिंग डॉलर के बजाय रुपए के अमाउंट पर ही करने को कहा है।
एक्सटर्नल फंडिंड इन प्रोजेक्टों में अब यदि वैल्यू या लागत में कोई बदलाव होता है, तो उसे आगे नहीं भेजा जाएगा। पहले स्टेट लेवल स्क्रीनिंग कमेटी से क्लियर करवाकर प्रोजेक्ट लागत का हिस्सा बना दिया जाता था। अब इस तरह की कोई रिक्वेस्ट न हिमाचल सरकार लेगी, न ही भारत सरकार को भेजी जाएगी। योजना विभाग ने यह भी कहा कि रुपए की वैल्यू गिरने के बाद किसी भी तरह की फंडिंग एजेंसी की ट्रांजेक्शन यदि राज्य सरकार की ट्रेजरी में आई, तो वह आगे संबंधित विभाग या एजेंसी को नहीं दी जाएगी और उसे पैसे को राज्य सरकार ही अपने पास रखेगी। इन सभी परियोजनाओं की मॉनिटरिंग हर तीन महीने के आधार पर करने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि प्रोजेक्ट लागत आगे न बढ़े और रुपए की वैल्यू गिरने का ज्यादा असर राज्य सरकार की ट्रेजरी भर न आए। गौरतलब है कि हिमाचल सरकार में अभी पूर्व सरकार से लेकर 14 बड़े प्रोजेक्ट बाय वित्त पोषित परियोजनाओं के चल रहे हैं। इनमें मुख्य तौर पर छह फंडिंग एजेंसियां काम कर रही हैं, जो हिमाचल में पैसा लग रही हैं। इनमें एशियन डिवेलपमेंट बैंक, वल्र्ड बैंक, जायका, केएफडब्ल्यू, एएफडी और एनडीबी शामिल हैं।
ये सात प्रोजेक्ट अभी निर्माणाधीन
एक्सटर्नल एडिड प्रोजेक्ट के माध्यम से सात प्रोजेक्ट अभी राज्य में निर्माणाधीन हैं। इनमें फोरेस्ट विभाग में 800 करोड़ का इंप्रूवमेंट ऑफ एचपी फोरेस्ट इकोसिस्टम मैनेजमेंट एंड लाइवलीहुड प्रोजेक्ट और 700 करोड़ का इंटीग्रेटेड डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट फॉर सोर्स सस्टेनेबिलिटी एंड क्लाइमेट रेसिलियंट रेनफेड एग्रीकल्चर शामिल हैं। कृषि विभाग में 1011 करोड़ का जायका का क्रॉप डायवर्सिफिकेशन प्रोमोशन प्रोजेक्ट चल रहा है, जबकि पीडब्ल्यूडी में 800 करोड़ का वल्र्ड बैंक फंडेड स्टेट रोड ट्रांसपोर्टेशन प्रोजेक्ट है। शहरी विकास विभाग में वल्र्ड बैंक से शिमला जल प्रबंधन निगम 1825 करोड़ की फंडिंग का है। शहरी विकास विभाग में 280 करोड़ का एचपी वाटर सप्लाई और सीवरेज सर्विस प्रोजेक्ट और जल शक्ति विभाग में वल्र्ड बैंक का 801 करोड़ का और वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट एनडीबी से चल रहा है।