कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने मांग की है कि अगले साल बंगाल विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति शासन में कराए जाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा के दौरान कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। अधिकारी ने कहा कि मुर्शिदाबाद, सुती, धुलियान, जंगीपुर और शमशेरगंज में जो अशांति है, वह राज्य सरकार की नाकामी है कि वह आम नागरिकों की सुरक्षा नहीं कर सकी और शांति व्यवस्था कायम नहीं रख सकी। भाजपा नेता ने दावा किया कि जब उन्मादी भीड़ तोडफ़ोड़ और तबाही कर रही थी, तो सत्ताधारी पक्ष मूकदर्शक बना सब देख रहा था। सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि जब भी हिंदू अल्पसंख्यक हुए हैं, तो उन्हें वोट देने से रोका गया है।
पुलिस सत्ताधारी पार्टी के कैडर की तरह काम करती है। मुक्त और पारदर्शी चुनाव के लिए अगले साल विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति शासन के तहत कराए जाने चाहिए। बंगाल के नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हालिया हिंसा के पीछे जिहादी तत्त्व हैं। इन लोगों को खुला घूमने की मंजूरी मिली हुई है। हम उनका सामना करने के लिए तैयार हैं, लेकिन बराबरी का मुकाबला होना चाहिए। चुनाव आयोग को गंभीरता से अगले साल विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति शासन में कराने पर विचार करना चाहिए। गौरतलब है कि वक्फ कानून के विरोध में बंगाल में हो रहे प्रदर्शन हिंसक में तीन लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य घायल हुए हैं।
वक्फ कानून लूटने वाली सेना पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’
नई दिल्ली । वरिष्ठ भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों की निंदा की है। उन्होंने कहा कि संसद में कानून पर चर्चा के दौरान ‘तथ्यों के अभाव’ से जूझ रहे थे, वे अब सडक़ों पर हंगामा कर रहे हैं। ये कानून लूट मचाने वाली सेना पर मोदी सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक है। पूर्व अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम लूटने वाली सेना पर सर्जिकल स्ट्राइक है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जो लोग व्यवस्थित लूट में लगे थे, वे असहाय हो गए हैं, वहीं दूसरी तरफ, तुष्टीकरण में माहिर लोग रो रहे हैं। नकवी ने कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम आस्था की रक्षा और वक्फ प्रणाली में सुधार के लिए है।