भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। पार्टी ने राज्य में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा, वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध और दंगों को लेकर ममता बनर्जी पर वोट बैंक की राजनीति करने का गंभीर आरोप लगाया है। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य की स्थिति पर चिंता जताई और दावा किया कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार के दिन अब गिने-चुने रह गए हैं। भाजपा ने पश्चिम बंगाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि राज्य में तुष्टिकरण की राजनीति के कारण कानून व्यवस्था चरमरा चुकी है। वक्फ कानून, सांप्रदायिक हिंसा और प्रशासन की निष्क्रियता जैसे मुद्दों पर भाजपा ने ममता बनर्जी को कटघरे में खड़ा किया है और आने वाले समय में राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव होने का संकेत भी दिया है।
हिंदुओं को बनाया जा रहा निशाना: भाजपा
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हालिया घटनाएं यह साबित करती हैं कि वहां हिंदू समुदाय को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार के संरक्षण में दंगाइयों को खुली छूट दी गई है और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होंने खास तौर पर मुर्शिदाबाद जिले का उल्लेख करते हुए बताया कि वहां वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के बाद हिंसा भड़क उठी और कई लोगों को अपना घर छोड़कर पलायन करना पड़ा।
भाजपा नेता ने राज्य पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य प्रशासन की नाक के नीचे दंगाई खुलेआम हिंसा कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की राजनीतिक मंशा के कारण पुलिस निष्क्रिय बनी हुई है। "क्या ममता बनर्जी की सरकार मानवीय मूल्यों के प्रति पूरी तरह असंवेदनशील हो गई है?" – यह सवाल रविशंकर प्रसाद ने सीधा मुख्यमंत्री से किया।
कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश और केंद्रीय बलों की तैनाती
प्रसाद ने कहा कि राज्य के पीड़ितों को इस बात का डर है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर अस्थायी रूप से तैनात किए गए केंद्रीय बलों के हटने के बाद दंगाई दोबारा हमला कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति राज्य में कानून-व्यवस्था की बदतर स्थिति को दर्शाती है और यह ममता सरकार की विफलता है।
"वोट बैंक के लिए कितनी नीचे गिरेंगी ममता?"
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी केवल अपने वोट बैंक की राजनीति के लिए तुष्टीकरण की नीति अपना रही हैं। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के नारे "मां, माटी, मानुष" पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब सरकार को न तो मां की चिंता है, न माटी की और न ही आम मानुष की।