नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेयर ट्रेडिंग ऐप जेरोधा के फाउंडर निखिल कामथ के साथ पॉडकास्ट की दुनिया में एंट्री ली है। इस पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने अपने जीवन के कई पहलुओं पर विस्तार से बात की है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि उनकी जो रिस्क लेने की क्षमता है, उसका अभी पूर्णरूप से इस्तेमाल हुआ ही नहीं है। बहुत कम हुआ है। उनकी रिस्क लेने की क्षमता अनेक गुना ज्यादा है। पीएम मोदी ने इसकी वजह भी बताई। अपने जीवन के बचपन के पन्नों को उलटते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने जीवन में बहुत झटके देखे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने अलग-अलग कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर कहा कि पहले कार्यकाल में, लोग मुझे समझने की कोशिश कर रहे थे और मैं दिल्ली को समझने की कोशिश कर रहा था। दूसरे कार्यकाल में, मैं अतीत के दृष्टिकोण से सोचता था।
तीसरे कार्यकाल में, मेरी सोच बदल गई है, मेरा मनोबल ऊंचा है और मेरे सपने बड़े हो गए हैं। पीएम मोदी ने राजनीति में अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री बना, तो मेरा एक भाषण था, जिसमें मैंने कहा था कि गलतियां होती हैं, ऐसा नहीं है कि गलतियां नहीं होतीं। सबसे होती हैं, मुझसे भी हुईं है। मैं मनुष्य हूं, कोई देवता नहीं हूं। वहीं पूरी दुनिया में जंग की स्थिति पर उन्होंने कहा कि युद्ध की इस स्थिति में मैं हमेशा से कहता रहा हूं कि हम तटस्थ नहीं है, बल्कि शांति के पक्षधर है।
मन में थी साधु का जीवन जीने की इच्छा
पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें याद है कि उनके मन में साधु का जीवन जीने की इच्छा थी। मैं नहीं कर पाया। पहला प्रयास था रामकृष्ण मिशन से अपने आप को जोडूं, स्वामी आत्मास्थानंद जी, जिनका अभी स्वर्गवास हुआ है, ने मेरे लिए बहुत कुछ कहा है, मैं उनके पास रहा, लेकिन राम कृष्ण मिशन के कुछ नियम थे, मैं उसमें बैठता नहीं था, मैं वहां फिट नहीं हुआ, मुझे मना कर दिया गया, लेकिन मैं निराश नहीं हुआ। मेरा सपना अधूरा रह गया। ये भी झटका ही था मेरे जीवन में।