शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड के सेवानिवृत्त उन कर्मचारियों, जो कि 75 साल की आयु पार कर चुके हैं को बोर्ड ने नए वेतनमान का बकाया एरियर चुकता कर दिया है। इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मकर संक्रांति के मौके पर बड़ा तोहफा मिला है। इनके बैंक खातों में मंगलवार को यह धनराशि आ गई है। ऐसे करीब तीन हजार रिटायर कर्मचारी बताए जा रहे हैं, जो कि 75 साल की आयु पार कर चुके हैं। प्रदेश सरकार ने पहले ही अपने सभी 75 साल से ऊपर के पेंशनरों को यह लाभ दे दिया है, मगर बिजली बोर्ड में यह बकाया था। अब सरकार की तर्ज पर बिजली बोर्ड ने भी अपने सेवानिवृत कर्मियों को यह लाभ दिया है। अभी 75 साल से नीचे के पेंशनरों को यह लाभ मिला है।
बताया जाता है कि बिजली बोर्ड ने 44 करोड़ रूपए का बकाया एरियर इन कर्मचारियों को जारी किया है, जो कि उनके बैंक खातों में आ गया। इससे पेंशनरों में खुशी की लहर है। बिजली बोर्ड के चेयरमैन संजय गुप्ता ने कहा कि सरकार ने इसके आदेश दे रखे थे और उन्हीं निर्देशों के तहत बिजली बोर्ड ने भी यह लाभ प्रदान करना था। अभी 75 साल से ऊपर के सेवानिवृत कर्मियों को यह लाभ दिया गया है। इन पेंशनरों का वर्ष 1.1.2016 से संशोधित वेतनमान के एरियर का 77.5 फीसदी पैसा बकाया था, जो बिजली बोर्ड ने एक साथ चुकता कर दिया है। इससे पूर्व सरकार के निर्देशों पर 9 करोड़ रुपए जारी किया गया था, मगर शेष राशि बकाया रह गइ थी। मकर संक्रांति के मौके पर इन सेवानिवृत कर्मचारियों को यह वित्तीय लाभ मिला है, जिससे इन लोगों में खुशी का माहौल है।
प्रदेश बिजली बोर्ड पैन्शनर फोरम के महासचिव चंद्र सिंह मंडयाल ने बिजली बोर्ड के चेयरमैन व एमडी को इसके लिए धन्यवाद दिया है जिनके सकारात्मक प्रयासों से बोर्ड के पेंशनर भी अब सरकार के पैन्शनरों के समकक्ष हो गए हैं। उन्होंने बताया कि गत नवम्बर को एमडी के साथ फोरम की प्रदेश कार्यकारिणी के साथ हुई बैठक में उक्त मांग को सैद्धांतिक रूप से मान लिया गया था जिसकी अब पूर्ति की गई है। फोरम के प्रेस सचिव अमर सिंह भलैक ने कहा कि मकर संक्रांति के पावन अवसर पर उन्हें संशोधित वेतनमान का एरियर प्रदान किया गया है जिससे उन लोगों में खुशी का माहौल है। वहीं महासचिव चन्द्र सिंह मंडयाल ने बोर्ड प्रबंधन से अनुरोध किया कि बैठक में मानी गई अन्य मांगों को भी शीघ्र कार्यान्वित किया जाए। फैमिली पेंशनरों को 10,000 के स्थान पर 50,000 रूपये की राशि को तत्काल प्रभाव से जारी किया जाए ताकि फैमिली पैन्शनरों के साथ वर्षों से हो रहा भेदभाव समाप्त किया जा सके। इसके अलावा उन्होंने पैन्शनरों की अन्य मांगों पर भी सहानुभूतिपूर्वक निर्णय लेने का अनुरोध किया है।