नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने देश में जाति जनगणना को आवश्यक बताते हुए सरकार से एससी और एसटी के हित में पांच मांगें स्वीकार करने का आग्रह करते हुए इन वर्गों के लिए उपयोजना को फिर से लागू करने की मांग की है। श्री खडग़े ने डा. अंबेडकर जयंती पर सोमवार को यहां जारी बयान में कहा कि संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर की जयंती आज है। आज के दिन मैं कांग्रेस पार्टी की तरफ से पांच बातें कहना चाहता हूं। पहली बात मैं कहना चाहता हूं कि जाति जनगणना जरूरी है। अभी केंद्र सरकार 2011 की जनगणना के आंकड़ों पर अपनी योजनाएं बना रही है। साल 2021 में होने वाली जनगणना का अभी तक पता नहीं। हम मांग करते हैं कि जनगणना के साथ-साथ ये भी जरूरी है कि जाति जनगणना करवाई जाए।
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने 1976 में अनुसूचित जाति जन जाति सब-प्लान लागू किया था, ताकि इन समुदायों के साथ समुचित न्याय हो। दुर्भाग्य से 2015 में मोदी सरकार ने इसे $खत्म कर दिया। हमारे कर्नाटक और तेलंगना राज्य सरकारों ने सब-प्लान लागू करने का कानून बनाया है। हम भाजपा सरकार से मांग करते हैं कि अनुसूचित जाति जन जाति सब-प्लान को केंद्र सरकार फिर से लागू करे। तमिलनाडु के सिवाय कोई राज्य नहीं जहां आरक्षण सुरक्षित है। हम मांग करते हैं कि राज्यों के आरक्षण को नौवीं सूची में शामिल किया जाए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि साल 2006 में संशोधन हुआ अनुच्छेद 15 (5) में संविधान संशोधन कर एससी, एसटी, ओबीसी को निजी कालेजों में आरक्षण दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में यह क़ानून सही ठहराया। मैं मांग करता हूं कि इसे कानूनी अधिकार बनाया जाए और इसे तत्काल लागू किया जाए। यही सबसे बड़ी श्रद्धांजलि बाबासाहेब को होगी। दो साल पहले जब महिला आरक्षण पारित हुआ, तब कांग्रेस पार्टी की मांग थी यह अधिनियम फौरन लागू हो और इसके साथ-साथ ही इसके अंदर एक तिहाई आरक्षण एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए सुनिश्चित हो। कांग्रेस पार्टी इन पांच मांगों को संसद के अंदर और बाहर लेकर संघर्ष करेगी।
अंबेडकर के नाम पर सिर्फ बातें करते हैं पीएम मोदी
नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने सोमवार को मोदी सरकार पर भीमराव अंबेडकर की विरासत को लेकर केवल बातें करने का आरोप लगाया। खडग़े ने भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बाबा साहेब का दुश्मन करार देते हुए दावा किया ये लोग बाबा साहेब के बारे में बातें तो करते हैं, लेकिन सत्ता में होते हुए भी उनकी इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए कुछ नहीं करते।