चंडीगढ़(रोशन लाल) : अकादमी स्थापित की 10 महीने में एक छात्र बनी जज एक प्रसिद्ध न्यायाधीश के रूप में 4 वर्षों की सेवा के बाद पूर्व जज मनीष अरोड़ा ने न्यायपालिका में एक नया अध्याय शुरू किया है अपनी जज की नौकरी छोड़कर उन्होंने एक एकेडमी मनीष अरोड़ा लॉ अकैडमी चंडीगढ़ स्थापित की अथवा महल 10 महीने में महक नाम की एक होना छात्र को जज बन बनने में मदद की पूर्व जज मनीष अरोड़ा ने जब अपने करियर की ऊंचाइयों को छोड़ने का निर्णय लिया तो उनके इस कदम ने सभी को चुका दिया उनका उद्देश्य था की नई पीढ़ी को न्यायपालिका के प्रति जागरूक करें और उन्हें सही मार्गदर्शन प्रदान करें पूर्व जज मनीष अरोड़ा ने अपनी न्यायाधीश यात्रा को पीछे छोड़कर एक नई जिम्मेवारी उठाई उनके अनुसार जज बनने के लिए बहुत छात्र सपना देखते हैं परंतु सही मार्गदर्शन न मिलने के कारण वह अपने उद्देश्य तक नहीं पहुंच पाए और उनके सपने अधूरे रह जाते हैं मेरा सपना यह है कि मैं उन्हें सही रास्ते पर चला कर उनके जज बनने के सफर में सहायता कर सकूं बता दें कि पूर्व जज मनीष अरोड़ा जज बनने से पहले 11 वर्षों तक शिक्षक कर रहे चुके हैं अथवा अपने यूरिनरी करियर में 11 बार में सुबह चार बार इंटरव्यू तक पहुंचे उनका मानना यह है कि उनके जज बनने के सफर में कोई मार्गदर्शन करवाने वाला नहीं था इसलिए उन्होंने अपनी गलतियों व सफलताओं से सीखा उनके अनुसार जैसे भी छात्रों को एक सीधे रास्ते पर चलाना चाहते हैं ताकि वह सफलता पाने में सफल न हो इसी सोच के तहत उन्होंने एक अकादमी की स्थापना की जो ना केवल कानूनी शिक्षा प्रदान करती है बल्कि व्यावहारिक प्रशिक्षण पर भी जोड़ देता है पूर्व जज मनीष अरोड़ा का कहना है कि हमारी एक आदमी में हाल ही में हरियाणा सिविल जज परीक्षा में चार प्रतिभाशाली छात्रों ने इंटरव्यू में भाग लिया और हमें गर्व है कि उनमें से एक ने जज बनकर नहीं ऊंचाइयां हासिल की जबकि बाकी छात्रों के थोड़े अंक कम रह गए हम उनके हौसले और मेहनत को सलाम करते हैं हम उनके साथ हैं और विश्वास करते हैं कि यह एक कदम है जो उन्हें सफलता की ओर ले जाएगा महक को इस शानदार सफलता के लिए ढेर सारी बधाई और आप सफलता सबके लिए प्रेरणा है आगे बढ़ते रहो महक से बात करने पर उन्होंने बताया कि मैं मनीष सर की क्लासेस में मैच आंसर राइटिंग बैक ज्वाइन की थी इसके उसके बाद इंटरव्यू के लिए मैंने सर की गाइडलाइन ली थी और उसके लिए काफी सारे मॉक इंटरव्यू भी दिए सर की अकादमी में ही दिए थे मैंने पूरी जानकारी में जैसे सर ने मुझे समझाया कि हिसाब से मुझे एग्जाम के लिए तैयार किया और मुझे लक्ष्य से भटकने नहीं दिया वह पूरी हेल्पफुल रहा दूसरी एक बड़ी चीज है कि जिस तरीके सेलैंग्वेज पर पूरा फोकस रखा गया क्योंकि जुडिशरी एग्जाम में लैंग्वेज में एक बहुत बड़ा रोल होता है अगर मैं बात करूं की एग्जाम की तैयारी की तो आंसरिंग में मनीष सर ने सुप्रिया मैं ने पर्सनली सारे टेस्ट खुद चेक किया इसी लिए महक ने कहा कि हमारी सब की मेहनत सफल हुई है