एक किसान को एक पेड़ ने रातोंरात करोड़पति बना दिया है। सुनने में आपको यह जरूर अजीब लगेगा कि आखिर एक पेड़ कैसे रातोंरात किसी को करोड़पति बना सकता है, लेकिन यह बिल्कुल सच है। मामला महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के पुसद सहसील के खुर्शी गांव का है। यहां केशव शिंदे नामक एक किसान के पुश्तैनी 7 एकड़ खेत में एक पेड़ है, जिसके बारे में 2013-14 तक शिंदे परिवार को यह तक पता नहीं था कि यह पेड़ किस प्रजाति का है। उसी दौरान रेलवे का सर्वेक्षण हुआ और कर्नाटक से आए कुछ लोग इस रेलवे मार्ग का निरीक्षण करने आए थे। उन्होंने शिंदे परिवार को बताया कि यह पेड़ लाल चंदन का है और इसकी कीमत बहुत अधिक है। यह सुनकर शिंदे परिवार आश्चर्यचकित रह गया।
इसके बाद रेलवे ने उस जमीन का अधिग्रहण तो कर लिया लेकिन उस पेड़ की कीमत देने से बचने लगा। तब शिंदे परिवार ने निजी तौर पर उस पेड़ का मूल्यांकन कराया, जो करीब 4 करोड़ 97 लाख रुपए आंका गया। रेलवे ने फिर भी उस मूल्य को मानने से इनकार कर दिया, जिसके चलते शिंदे परिवार ने मामले को अदालत में ले गए। अदालत ने पेड़ के मूल्यांकन के लिए मुआवजे के रूप में एक करोड़ रुपए जमा करने का आदेश दिया था। अब इसमें से पचास लाख रुपए किसानों के खाते में जमा करने के आदेश दिए गए हैं। शिंदे परिवार को वह पैसा निकालने की अनुमति दे दी गई है। प्रारंभ में, शिंदे परिवार ने लाल चंदन के पेड़ का मूल्यांकन एक निजी इंजीनियर से करवाया था. हालांकि, तब रेलवे ने इसे अनदेखा कर दिया। क्योंकि यह बहुत अधिक था, तो शिंदे ने उच्च न्यायालय में मामला दायर किया।
किसान शिंदे की कृषि भूमि वर्धा-यवतमाल-नांदेड़ रेलवे परियोजना के लिए अधिग्रहित कर ली गई है। मूल्यांकन के बाद किसान को शेष राशि मिलेगी। याचिका पर न्यायमूर्ति अविनाश खरोटे और न्यायमूर्ति अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई। मुआवजे के संबंध में 8 फरवरी, 2018 को आदेश पारित किया गया तथा लाल चंदन व अन्य पेड़ों के संबंध में आदेश पिछली सुनवाई में दिए गए। इसके बाद रेलवे ने अदालत को बताया कि 200 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। 1 करोड़ रुपए कोर्ट में जमा करा दिए गए हैं।