प्राकृतिक औषधियों में गोखरू (Tribulus Terrestris) एक महत्वपूर्ण और प्रभावी जड़ी-बूटी मानी जाती है। यह आयुर्वेदिक पद्धति में सदियों से विभिन्न रोगों के इलाज के लिए उपयोग की जाती रही है। गोखरू के बारे में यह कहा जाता है कि यह वात, पित्त और कफ दोषों को संतुलित करता है और शरीर की कई समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं गोखरू के कुछ प्रमुख स्वास्थ्य लाभों के बारे में।
1. सिरदर्द और दमा में राहत
अगर आप लगातार सिरदर्द से परेशान रहते हैं तो गोखरू का काढ़ा (10-20 मिली) सुबह-शाम सेवन करने से राहत मिलती है। साथ ही गोखरू चूर्ण को सूखे अंजीर के साथ लेने से दमा के मरीजों को भी फायदा हो सकता है। यह उपाय दमा के लक्षणों को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।
2. पाचन तंत्र को सुधारें
अगर आपको पाचन की समस्याएं जैसे अपच, गैस या कब्ज का सामना करना पड़ रहा है तो गोखरू का काढ़ा पीपल चूर्ण के साथ लेने से पाचन तंत्र को सुधारने में मदद मिलती है। यह गैस और कब्ज जैसी समस्याओं से निजात दिलाने में सहायक होता है।
3. मूत्र विकारों में राहत
गोखरू का काढ़ा शहद के साथ मिलाकर पीने से मूत्र से जुड़ी समस्याएं जैसे जलन और बार-बार पेशाब आने की समस्या कम हो जाती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो पेशाब से जुड़ी समस्याओं से परेशान रहते हैं।
4. जोड़ों के दर्द और गठिया का इलाज
गठिया और जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए गोखरू के फल का काढ़ा एक प्रभावी उपाय है। यह सूजन कम करने और जोड़ों के दर्द को नियंत्रित करने में मदद करता है खासकर पुराने गठिया रोगों में।
5. पथरी को बाहर निकालने में सहायक
गोखरू पथरी के इलाज में भी असरदार माना जाता है। यदि आप पथरी की समस्या से जूझ रहे हैं तो गोखरू चूर्ण को शहद के साथ लेने से पथरी बाहर निकलने में मदद मिल सकती है। यह एक प्राकृतिक उपाय है जो शरीर को साफ करने में सहायक होता है।
6. त्वचा रोगों में राहत
अगर आपको खुजली या दाद जैसी समस्याएं हैं तो गोखरू को पानी में पीसकर प्रभावित जगह पर लगाने से राहत मिलती है। यह त्वचा की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखता है।
7. प्रजनन क्षमता बढ़ाने में सहायक
गोखरू का सेवन पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इसे दूध में उबालकर पीने से पुरुषों के स्पर्म काउंट और गुणवत्ता में सुधार होता है जिससे यौन स्वास्थ्य बेहतर होता है।
8. बार-बार बुखार में राहत
गोखरू के पंचांग (जड़, तना, पत्ते, फूल और फल) से बना काढ़ा बार-बार आने वाले वायरल या मौसमी बुखार में राहत देता है। यह बुखार को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
सावधानी और सलाह
हालांकि गोखरू एक प्राकृतिक और प्रभावी औषधि है इसका सेवन करने से पहले किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ या वैद्य से सलाह लेना जरूरी है। यह सुनिश्चित करेगा कि आप इसका सही तरीके से और सुरक्षित रूप से उपयोग कर रहे हैं। गोखरू एक बहुउपयोगी आयुर्वेदिक औषधि है जो विभिन्न बीमारियों से निपटने में हमारी मदद कर सकती है। इसे सही तरीके से और विशेषज्ञ की सलाह से अपनाकर आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं और दवाओं से बच सकते हैं।