नई दिल्ली: अमरीकी जमीं पर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश मामले में अमरीका ने एक बार फिर बयान दिया है। भारत में अमरीकी राजदूत एरिक ग्रेसिटी ने कहा है कि पन्नू की हत्या की साजिश के मामले में भारत और अमरीका मिलकर काम कर रह हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि किसी भी देश या उसके कर्मचारी को विदेशी नागरिक की हत्या की साजिश में शामिल नहीं होना चाहिए। यह एक रेडलाइन है और किसी को भी इस रेलाइन को क्रॉस करने की इजाजत नहीं है।
गौरतलब है कि निखिल गुप्ता (51) पर भारत सरकार के एक कर्मचारी के साथ मिलकर न्यूयॉर्क में रह रहे गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप है। पन्नू द्वारा लगातार भारत पर उसकी हत्या की साजिश रचने के आरोप पर अमरीकी राजदूत ने कहा कि अमरीका अभिव्यक्ति की आजादी को प्राथमिकता देता है फिर चाहे वह किसी के पक्ष में हो या आलोचना। अमरीकी नागरिक का प्रत्यर्पण या फिर उसपर सजा का कोई भी फैसला अमरीकी कानूनों के आधार पर ही होगा।इसमें दूसरे देश को हस्तक्षेप की इजाजत नहीं है।