सिटी रिपोर्टर
खरड़:केन्द्र सरकार द्वारा देश भर में जनरल तथा प्रोवीजनल स्टोरों में सर्दी-खांसी, गैस तथा बुखार के अलावा कई अन्य प्रकार की बीमारियों की दवाई बिना ड्रग लाईसेंस बेचने के लिये वर्ष 2024 के शुरूआत में एक कमेटी बनाई गई थी जो उक्त दवाईयां बेचने की नीति बनाने पर विचार कर रही है। केन्द्र सरकार के इस मुद्दे पर खरड़ के दवाई विक्रेताओं ने नाराजगी प्रकट करते हुये इसके गलत परिणामों को लेकर एक प्रैस नोट जारी किया है। खरड़ कैमिस्ट ऐसोसिऐशन के प्रधान पुनीत बंसल ने प्रैस नोट जारी करते हुये बताया कि आल इंडिया आर्गेनाईजेशन आफ कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट ने देश में बिना लाईसेंस के ओटीसी दवाईयां बेचने की छूट पर केन्द्र सरकार के इस आदेश पर गहरी चिंता प्रकट की है। उन्होनें बताया कि देश के स्वास्थय मंत्री, प्रमुख स्वास्थय सचिव, ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया तथा भारत के प्रमुख सबंधित अधिकारियों को पिछले दिनों दिये गये मांग पत्र द्वारा इस मुद्दे की ओर ध्यान दिलाया गया है। उन्होनें बताया कि संगठन के प्रमुख नेता जे एस शिंदे तथा महांसचिव राजीव सिंगल ने भी इस बात पर जोर देते हुये कहा है कि इस तरह का कदम मौजूदा दवाई कानून-फार्मेसी के नियमों तथा सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों अनुसार पादर्शिक कानूनी ढांचे का उल्लंघन करेगें। इस पत्र द्वारा दवाई विक्रेताओं ने बताया कि ओटीसी दवाई बेचने के गनत नतीजे सामने आ सकते हैं जैसा कि नकदी दवाईयों की बढ़ौतरी होना, मैडीकल सुविधाओं तक पहुंच में देरी, दवाई की ज्यादा मात्रा से बीमारी का बढऩा, फार्माकोविलीजेंस उपाय आदि शामिल हैं। जिला दवाई संघ के प्रधान अमरदीप सिंह तथा जनरल सचिव विक्रमजीत ठाकुर ने बताया कि करियाना तथा प्रोजीवनल स्टोरों पर दवाई बिकने से बहुत सारे खतरे भी जनता के साथ होगें। दवाई विक्रेताओं की मु य संस्था एआईओसीडी द्वारा इस ओर ध्यान देने की मांग की गई है।