चंडीगढ़ में बुधवार को हुई नगर निगम की बजट की बैठक पर प्रशासन ने आपत्ति जताते हुए पूरे मामले को लेकर आयुक्त से स्पष्टीकरण मांगा है। उनकी तरफ से जवाब तैयार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, प्रशासन ने अगर कड़ा रुख दिखाया तो बजट फंस सकता है। वहीं मेयर भी अड़ गए हैं।
मेयर कुलदीप सिंह ने साफ कह दिया है कि अगर निगम का बजट रोकने की कोशिश की गई तो वह अदालत जाएंगे। मेयर ने कहा कि बजट पास करना बेहद जरूरी था। कर्मचारियों की सैलरी रुकी हुई थी। बैठक में कोई एजेंडा नहीं लाया गया। सिर्फ बजट पर ही चर्चा हुई है।
डॉ. एसएस आहलूवालिया ने कहा कि जब चंडीगढ़ में इंडिया गठबंधन का मेयर बन गया है तो बीजेपी को यह बात हजम नहीं हो रही है। अब भाजपा सरकारी अधिकारियों के जरिए चंडीगढ़ के विकास कार्यों में बाधा डाल रही है।
बुधवार को सेक्रेटरी लोकल गवर्नमेंट की तरफ से निगम को एक पत्र भेज पूछा गया था कि नगर निगम में बैठक कैसे आयोजित हुई हैं। इसके साथ लागू होने वाले रूल, एक्ट और लीगल पोजीशन की भी जानकारी मांगी है।
भाजपा पार्षद बोले- बजट बैठक का खर्च मेयर से वसूला जाए
भाजपा के पार्षदों ने मेयर कुलदीप कुमार की ओर से बुलाई गई बजट बैठक की कार्यवाही को अवैध और अर्थहीन करार दिया। साथ ही बैठक के दौरान भोजन, नाश्ता, वीडियोग्राफी आदि पर किए गए खर्च को एमसी एक्ट की धारा 416 के तहत मेयर से वसूलने की मांग करते हुए शिकायत दी।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी कैलाश चंद जैन ने बताया कि भाजपा प्रदेश महामंत्री अमित जिंदल व हुकम चंद के नेतृत्व में भाजपा के सभी पार्षदों के प्रतिनिधिमंडल ने सचिव स्थानीय प्रशासन और नगर निगम आयुक्त को लिखित शिकायत दी है। उसमें कहा है कि मेयर ने 6 फरवरी को निगम सदन में बजट की बैठक बुलाई जो अवैध और अर्थहीन है क्योंकि बजट को पहले एफएंडसीसी के सामने रखा जाता है। एफएंडसीसी का अभी तक गठन भी नहीं हुआ है, इसलिए बिना एफएंडसीसी की बैठक में पेश किए हाउस में बजट पर चर्चा करना अवैध है।
इतना ही नहीं इस बारे पहले ही ऐतराज जताया गया था, जिस पर प्रशासन द्वारा कानूनी राय भी ली गई थी और नगर निगम सचिव ने उक्त कानूनी राय के साथ मेयर को बैठक स्थगित करने के बारे में अवगत करवाए जाने के बावजूद नियमों को ताक पर रखकर बैठक बुलाई और बजट पर चर्चा की गई। इस प्रकार 6 और 7 मार्च की बैठक अवैध और शून्य है। भाजपा ने कहा कि इन बैठकों की कार्रवाई भी धारा 405, 406, 422 और 423 के तहत शून्य है।