Saturday, May 18, 2024

फीचर

आईएनएस ने आईटी नियमों में संशोधन को मनमाना, प्राकृतिक न्याय के खिलाफ बताया

13 अप्रैल, 2023 09:56 AM

नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (वार्ता) इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी (आईएनएस) ने बुधवार को मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता में हाल ही में किए गए संशोधन पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह संशोधन पूर्ण रूप से मनमाना और प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है।

 

आईएनएस ने एक बयान में कहा कि इस प्रकार के अधिकार मनमाने होते हैं, क्योंकि इनका उपयोग पक्षकारों को सुने बिना किया जाता है। इस प्रकार यह प्राकृतिक न्याय के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं और न्यायाधीश के रूप में शिकायतकर्ता को प्रभावित करते हैं।

 

उल्लेखनीय है कि हाल ही में सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2023 में संशोधन किया है। यह संशोधन केंद्र सरकार को अपने किसी भी क्रियाकलापों के संबंध में “बनावटी या गलत या भ्रामक” निर्धारित करने के लिए “फैक्ट चेकिंग इकाई” गठित करने की शक्ति प्रदान करता है।


फैक्ट चेकिंग इकाई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, इंटरनेट सेवा प्रदाता और अन्य सेवा प्रदाता समेत मध्यवर्ती संस्थाओं को निर्देश जारी करने का अधिकार रखती है कि वे ऐसी सामग्री को प्रसारित या प्रकाशित न करें और अगर यह प्रसारित या प्रकाशित हो चुका है तो आपत्तिजनक कंटेंट को निकाल दें।

 

आईएनएस ने कहा कि नामित एजेंसी को अपने काम में भ्रामक और सही का निर्धारण करने और उसे हटाने या रखने का आदेश देने की “पूर्ण शक्ति” प्राप्त है। आईएनएस ने कहा कि अधिसूचित नियमों से यह स्पष्ट नहीं होता है कि इस प्रकार की “फैक्ट चेकिंग इकाई” का संचालन तंत्र क्या होगा और इसकी शक्तियों पर किस प्रकार की न्यायिक निगरानी उपलब्ध होगी और इस पर अपील करने का क्या अधिकार होगा।

 

बयान में कहा गया कि इन सभी बातों को देखते हुए हम यह कहने के लिए विवश हैं कि यह प्रेस सेंसरशिप के समान है और इस प्रकार यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सिद्धांतों का उल्लंघन है। न्यूजपेपर सोसाइटी ने कहा, “मंत्रालय ने वादा किया था कि इस विषय पर वह मीडिया संगठनों के साथ परामर्श करेगी, लेकिन हितधारकों के साथ कोई सार्थक परामर्श करने की कोशिश नहीं की गई।”

 

आईएनएस ने कहा, “उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों और देश के संविधान में निहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी के अनुपालन में हम सरकार से इस अधिसूचना को वापस लेने का आग्रह करते हैं।”

Have something to say? Post your comment

और फीचर खबरें

उतर गया प्यार का खुमार! अगले महीने भारत लौटेगी अंजू, पाकिस्तानी पति ने बताई वजह

उतर गया प्यार का खुमार! अगले महीने भारत लौटेगी अंजू, पाकिस्तानी पति ने बताई वजह

अंतिम दिन सम्राट शंकर का जादू देखने उमड़ी भीड़, लोग हुए गदगद

अंतिम दिन सम्राट शंकर का जादू देखने उमड़ी भीड़, लोग हुए गदगद

पंजाब में कहीं घूमने का Plan बना रहे हैं तो जरा ध्यान दें....

पंजाब में कहीं घूमने का Plan बना रहे हैं तो जरा ध्यान दें....

अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास की सुरक्षा की कमान संभालेंगी ITBP महिला कमांडो, दी गई खास ट्रेनिंग

अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास की सुरक्षा की कमान संभालेंगी ITBP महिला कमांडो, दी गई खास ट्रेनिंग

अंबेडकर के बताये मार्ग पर चलकर ही सबों का कल्याण संभव: कोविंद

अंबेडकर के बताये मार्ग पर चलकर ही सबों का कल्याण संभव: कोविंद

मेड-इन-कश्मीर क्रिकेट बैट को वैश्विक पहचान मिली

मेड-इन-कश्मीर क्रिकेट बैट को वैश्विक पहचान मिली

दि डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल का फर्स्ट लुक रिलीज

दि डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल का फर्स्ट लुक रिलीज

‘राष्ट्र प्रथम और जनता प्रथम’ की भावना के साथ काम करें अधिकारी: मुर्मू

‘राष्ट्र प्रथम और जनता प्रथम’ की भावना के साथ काम करें अधिकारी: मुर्मू

भारतीय रेलवे अपने मिशन शत-प्रतिशत विद्युतीकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है

भारतीय रेलवे अपने मिशन शत-प्रतिशत विद्युतीकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है

आम लोगों का चुनाव परिणामों पर भरोसा, फिर भी EC हर चुनाव बाद देता है 'अग्निपरीक्षा'

आम लोगों का चुनाव परिणामों पर भरोसा, फिर भी EC हर चुनाव बाद देता है 'अग्निपरीक्षा'