दिल्ली महिला आयोग (DCW) की प्रमुख स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) सोमवार देर रात एक अस्पताल में धरने पर बैठ गईं और दावा किया कि उन्हें उस नाबालिग पीड़िता से मिलने से रोका गया जिसके साथ दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कथित रूप से बलात्कार किया था।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में उपनिदेशक प्रेमोदय खाखा ने नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच कथित तौर पर किशोरी के साथ कई बार बलात्कार किया। अधिकारी की पत्नी पर भी पीड़िता को गर्भपात के लिए दवाएं देने का आरोप लगाया गया है। खाखा और उनकी पत्नी से सोमवार को पूछताछ की गई।
डॉक्टरों ने नहीं दिया पीड़िता से मिलने
दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष मालीवाल ने आरोप लगाया कि अस्पताल अधिकारियों ने उन्हें पीड़िता से मिलने की अनुमति नहीं दी। महिला आयोग ने एक बयान में कहा कि अस्पताल के निदेशक DCW प्रमुख से मिलने आए और उन्हें सूचित किया कि दिल्ली पुलिस के डीसीपी (पुलिस उपायुक्त) और एसीपी (सहायक पुलिस आयुक्त) अस्पताल के अंदर हैं और उनसे उन्हें (मालीवाल) पीड़िता से नहीं मिलने देने के लिए कहा है।''
महिला आयोग का दिल्ली पुलिस को नोटिस
आयोग ने दिल्ली पुलिस और शहर सरकार के महिला एवं बाल विकास और सेवा विभाग को भी नोटिस भेजकर मामले में कार्रवाई के लिए कहा है। मालीवाल ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज होने के आठ दिन बाद भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया। उन्होंने कहा, "यहां तक कि मुझे दिल्ली पुलिस के कहने पर पीड़िता से मिलने की इजाजत नहीं दी गई। मैं पीड़िता से मिलूंगी और हर संभव सहायता प्रदान करूंगी।'' महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस से गिरफ्तारी के विवरण के साथ प्राथमिकी की एक प्रति भी उपलब्ध कराने को कहा है। इसने अधिकारी के खिलाफ दिल्ली सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का विवरण भी मांगा है। दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को बुधवार तक अपनी रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।