बिहार में वर्ष 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल (बीएलडी) के टिकट पर जीते दो राजनेता को मुख्यमंत्री बनने का भी सौभाग्य मिला। वर्ष 1974 में भारत के बड़े किसान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने भारतीय लोक दल नाम से अपनी पार्टी बनाई थी, तब इसका चुनाव निशान ‘हलधर किसान’ था। आपातकाल के बाद 1977 में इंदिरा गांधी का मुकाबला करने के लिए कई नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टियों का विलय कराकर जनता पार्टी बनाई। जनता पार्टी को चुनाव चिन्ह नहीं मिल पाया था, जिसकी वजह से पार्टी ने ‘भारतीय लोक दल’ के चिन्ह हलधर किसान पर चुनाव लड़ा। जनता पार्टी की लहर में बिहार की 54 सीट में बीएलडी को 52 सीट मिली। इनमें से दो सीटों पर जीते सांसद बाद में बिहार के मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए। इनमें लालू प्रसाद यादव और सत्येंद्र नारायण सिंह शामिल हैं। बीएलडी के टिकट पर लालू प्रसाद यादव ने छपरा संसदीय सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रामशेखर प्रसाद सिंह को पराजित किया।
लालू प्रसाद ने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा और पहली बार में ही उन्होंने कामयाबी हासिल कर ली। इसके बाद श्री यादव ने छपरा सीट से दूसरी बार जनता दल के टिकट पर वर्ष 1989 में चुनाव जीता। श्री यादव वर्ष 1990 में पहली बार और वर्ष 1995 में दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री बनने के बाद श्री यादव वर्ष 2004 और वर्ष 2009 में भी सासंद बने। सत्येंद्र नारायण सिंह ने औरंगाबाद सीट से बीएलडी के बैनर तले चुनाव लड़ा और उन्होंने कांग्रेस के रामस्वरूप यादव को पराजित किया। हालांकि इससे पूर्व श्री सिंह ने वर्ष 1952, में हुए पहले आम चुनाव में गया (पश्चिम) लोकसभा सीट, वर्ष 1957 और वर्ष 1971 में औरंगाबाद से जीत हासिल की। वर्ष 1977 के बाद श्री सिंह वर्ष 1980 और वर्ष 1984 में भी सांसद बने। ‘छोटे साहब’ के नाम से मशहूर सत्येंद्र नारायण सिंह 11 मार्च, 1989 से छह दिसंबर, 1989 तक बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे। बीएलडी के बैनर तले वर्ष 1977 में जननायक के रूप में मशहूर बिहार के समाजवादी नेता बिहार के मुख्यमंत्री रहे भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर, महामाया प्रसाद सिन्हा और बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल ने भी चुनाव जीता है।
हालांकि इन नेताओं ने बीएलडी से चुनाव जीतने से ही पूर्व बिहार के मुख्यमंत्री बन चुके थे। वर्ष 1977 के चुनाव में सामाजिक न्याय के पुरोधा कर्पूरी ठाकुर ने समस्तीपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार यमुना प्रसाद मंडल को पराजित किया। कर्पूरी ठाकुर 22 दिसंबर 1970 से 02 जून 1971तथा 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 तक मुख्यमंत्री रहे। वहीं महामाया प्रसाद सिन्हा ने पटना सीट से चुनाव लड़ा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के दिग्गज नेता राम अवतार शास्त्री को पराजित किया। बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री महामाया प्रसाद सिन्हा पांच मार्च, 1967 से 28 जनवरी, 1968 तक मुख्यमंत्री रहे। बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल ने मधेपुरा सीट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र प्रसाद यादव को मात दी। मंडल आयोग के अध्यक्ष रहे बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल 01 फरवरी 1968 से 22 मार्च, 1968 तक मुख्यमंत्री के पद आसीन हुए। श्री मंडल मधेपुरा सीट से वर्ष 1967 और 1968 में हुए उपचुनाव में भी सांसद बने।